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Sunday, May 9, 2010

ब्लोगिंग करना कितना कठिन है ! ‘कोई हमसे पूछे’

ब्लॉग पोस्ट करने के लिए एक लेख की आवश्यकता होती है; और लेख के लिए मस्तिष्क में एक रूप रेखा बनती है, तब कहीं एक अच्छा लेख बन पाता है; जो विचारणीय होएक अच्छा लेख लिखने के लिए कोई एक विचार या मुद्दाहोना जरुरी है, और कठिनाई यहीं से आरम्भ होती है
आज के वातावरण में इतने अधिक मुद्दे या विचार-कुविचार देखने को मिल रहे हैं कि जब भी कुछ लिखने बैठो तो कई सारे विचारों पर मन एक साथ सोचने लगता है और सारे विचार मन में गड्ड मड्ड होने लगते हैं ; बस, मन विचलित हो जाता है
कैसे ? मैं बताता हूँ; सोचा...! भ्रष्टाचार पर लिखूं …"गड़बड़" कई बार लिख चुका, या किसके भ्रष्टाचार पर लिखूं चारों तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार हो रहा हैये स्थिति केवल भ्रष्टाचार ही नहीं कोई भी अपराध, कोई भी बुराई पर बनती है
बड़ी कठिनाई से किसी एक विचार पर ध्यान केन्द्रित करके लिखने के लिए,
पिटारा(कंप्यूटर) खोला और शुरू किया ही था कि बिजली चली गयी, और बचाव बक्सा ( यू. पी. एस) सीटी देने लगाबदलांतर डब्बा (इनवर्टर) हमारे पास है नहींबस ; जिस विचार पर ध्यान केन्द्रित किया था वह भूल गए, जाने कब बिजली आएगी फिर कब मन करेगाबिजली का तो हाल इतना बुरा है कि दिन में कब आये कब जाये पता नहीं हम तो गिनती ही भूल जाते हैं कितनी बार गयी-आई
कभी लिखने बैठे; तो दुकान में ग्राहकों की भीड़ लग जाती है फिर से तारतम्य टूट जाता है क्योंकि मेरा कंप्यूटर दुकान में ही रखा हैआज कल तो मैं वायरस से बहुत परेशान हूँ, अंतरजाल पर जुड़ते ही धडाधड वायरस डिटेक्ट के संदेश मिलने लगते हैं,कभी-कभी तो कंप्यूटर सुन्न हो जा रहा हैजबकि एंटी वायरस है वह कार्य भी कर रहा है पर फिर भी बुरा हाल है कभी-कभी सही चल जाता है तो दूसरों के ब्लॉग देखने में समय लग जाता है
तो साहब ब्लोगिंग बहुत मुश्किल भरा काम है अपने लिए तोपर इसकी लत लग गयी है छोड़ नहीं सकता; और छोडूँ भी क्यों...? कौन सा मेरे कई दिन तक लिखने से किसी को भूख नहीं लग रही, जब मेरा मन करा या सुविधा अनुभव करी लिख दिया
मुश्किल तो है पर मजेदार भी है; अपनी बातों को, विचारों को, सभी के साथ बाँटना एक अलग तरह का सकून भी देता हैकोई आपके विचारों से सहमत होता है कोई नहीं भी होता, यही ब्लोगिंग है पर कुछ कुछ उद्येश्य होना चाहिए, समझ गए

2 comments:

  1. ब्लॉग या ब्लोगिंग ही नहीं ,कुछ भी अच्छा,ईमानदारी से और सार्थकता से करना बहुत ही मुश्किल तथा हौसला रखने वालों का काम है /

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  2. वाह ! इन कठिनाइयों पर भी पोस्ट लिख मारी ! अब तो लग रहा है ना कि ब्लोगिंग कितनी आसान है , विषय नहीं भी मिले तो उस पर भी लिख मारो :)

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