ताजा प्रविष्ठियां

Tuesday, March 23, 2010

"दाज्यू ; मुस्कान देखनी हो तो भैंस की देखो"


हमारे फोटो वाले पत्रकार दाज्यू (दद्दा, बड़े भाई), एक अभिनेत्री का मुस्कराता हुआ फोटो खींच कर लाये, और लगे अपना हुनर-बजाने| थोड़ी देर में हम भारी हो गए; तो हलके होने के लिए बोल बैठे कि यार कौन सा तीर मार कर तारा तोड़ लिया”, अभिनेत्री को हँसते-मुस्कराते किसने नहीं देखा ? इस युग में जब घर-घर में टी.वी.हैं; तो कोई बड़ी बात नहीं| पर वह अपने को इतना गर्वित अनुभव कर रहे थे; कि मैं ग्लानिर्भवति होने लगा | आखिर उसे "धरातल पर उतारने" के लिए मुझे कहना पड़ा किदाज्यू; मुस्कान देखनी हो तो भेंस की देखो”|वह मिर्ची खा गया'तुम तो मजाक उड़ाने लगे; मैं गंभीरता से बात कर रहा हूँ, देख लो समाचार पत्र में भी छप गया है’| मैंने उसकी चोट और दुखा दी जैसे तुम- वैसे तुम्हारे पत्र वाले, छापने को कुछ सूझता नहीं, हिरोईनों के जैसे मर्जी वैसे चित्र छाप देते हैं; जैसे ये दुर्लभ चित्र हों | अरे ! दुर्लभता भी ढूँढनी हो तोभैंस की मुस्कान ढूँढोअभी तक कोई नहीं ढूंढ़ पाया, दुनिया भर में नाम हो जायेगा कहाँ पड़े हो हिरोईनों के चक्कर में
'भुला (छोटे भाई) हिरोईनों के फोटो छपने से अखबार ज्यादा बिकता है', अरे! भैंस की मुस्कान के साथ फोटो छपेगा तो मेरा दावा है कि तब भी अखबार ज्यादा बिकेगा, कभी भैंस का फोटो, कभी गधी का फोटो, कभी …. . रोजाना नए-नए फोटो मिलते रहेंगे व्यापार चलता रहेगा दाज्यू थोड़े नंगे बदन चित्रों को छापने से अगर अखबार ज्यादा बिकता है तो भैंस-गाय,गधी-घोड़ी, कुतिया-बिल्ली आदि-आदि तो बिलकुल कपडा नहीं पहनते, उनके फोटो क्यों नहीं छापते…?'कैसी बात करते हो यार भैंस भी कभी हंसती है क्या' ? क्यों नहीं हंसती होगी ? जब उसके आगे बीन बजाते हैं तो जरुर हंसती होगी कि ये कैसे मूर्ख हैं मेरे आगे बीन बजा रहे हैं; और फिर खोजी पत्रकारिता का दम क्यों भरते हो, भैंस की मुस्कान खोजो ना !
पहले तो नंगे बदन, उस पर मुस्कान ! मज़बूरी में मानना पड़ रहा है (बेशर्मों का जमाना है ना), वर्ना थोडा सा पल्लू सरकते ही शर्म आती तो हम आज भी देख रहे हैं पर जिन्हें शर्म नहीं आती वोजानवर बन गए जिन्हें शर्म आती थी उनके लिएकपड़ों का अविष्कार हुआ.”…. मैं दाज्यू को बता ही रहा था कि वह एक दम भर गए अच्छा भुला; 'इस बारे में बाद में बात करेंगे' कह कर चल दिए अब; हमें खाली होना था; तो हमने सब कुछब्लॉग पर उंडेल दिया और खाली हो गएtensionpoint.blogspot.com/bhrashton ko kaise raas aa sakta hai aisa rashtrvaad

1 comment:

हिन्दी में कमेंट्स लिखने के लिए साइड-बार में दिए गए लिंक का प्रयोग करें