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Tuesday, March 23, 2010

….. और तुम्हें भूल गए !

तुमने तो अपना जीवन समर्पित कर दिया ,

हमें आजादी दिलाने को जम कर लोहा लिया

अपनी हंसी उड़वाई, लाठी-डंडे, गोली खायी,

फिर भी थमने नहीं दी लडाई,

दुश्मन को ललकारा और फांसी खायी॥

पर भारत माता के; हे ! वीर सपूतो,

15 अगस्त 1947 को हम आजाद हुए,

तुम्हारे सपने, अरमानों और विचारों को

…..और तुम्हें भूल गए !

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