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Wednesday, April 1, 2009

एक अप्रेल ही क्यों

अप्रेल-फूल उनके लिए जो साल भर मूर्ख नहीं बनते,
हम तो साल भर फूल(मूर्ख)बनते हैं।
1 अप्रेल से उसकी शुरुआत हो जाती है।
जैसे वित्तीय वर्ष आरम्भ हो जाता है।
(जनता को आंकडों द्वारा मूर्ख ही तो बनाया जाता है
कर्मचारी वेतन बढ़ने पर भी नहीं समझ पाता कि कैसे
वापस देना पड़ता है महंगाई बढ़ने पर और टेक्शों में )
जैसे शिक्षा सत्र भी आज से ही आरम्भ होता है।
(इस शिक्षा से ही देश का ये हाल हो रहा है,अब तो पब्लिक
स्कूल वाले जैसे मूर्ख बना रहे हैं ,सब केवल देख पा
रहे हैं, कुछ कर नहीं पाते। क्योंकि उन्हें भी वही शिक्षा मिली है)
और भी कई तरह से हम मूर्ख बनते हैं,
मोबाईल कम्पनियों द्वारा, फिल्मों द्वारा,नेताओं द्वारा,विज्ञापनों द्वारा ,
अन्य भी हैं।
सच पूछो तो जिंदगी अपनेआप में मूर्खता है,
पैदा हुए,पता नहीं क्यों हुए,जिंदगी गुजारी और मर गए पर

ये पता नहीं चल पाया कि आख़िर पैदा क्यों हुए।

1 comment:

  1. आज और कई नई चीजें ... नैनो कार ... किसी भी ए टी एम से पैसे निकालने की सुविधा आदि भी ... सब बेवकूफ बनाने के लिए ... पर हमलोग बेवकूफ बनते क्‍यों हैं ?

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