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Tuesday, January 6, 2009

आकाशवाणी

हिंदुस्तान वालो
अब क्या भाई (पकिस्तान)
की जान ही लोगे।
इतना मत दबाओ कहीं
बिल्कुल ही बेशर्म न हो जाए।

जमाने भर में हँसी
उड़वा रहे हो,
बार-बार सबूतों को
दुनिया को दिखा रहे हो,
आख़िर कितना जलील करोगे।

क्या भूल गए ?
जब अलग हुआ था,
तो पितृपुरूष गाँधीजी(बापू) ने
उसके हिस्से का कर्ज माफ
करने के लिए अनशन तक कर दिया
था ।
एक तुम हो छोटे भाई की
गलतियों के लिए उसे दुनिया
भर में बदनाम करने पर तुले हुए हो,

क्या मिलेगा?
“जिसने कुछ पहना ही न हो उसे क्या नंगा करोगे”।
छोटा भाई है भटक गया है
ग़लत साथी (दहशतगर्द) पाल लिए हैं,
उसे समझाओ।

वैसे तो बड़ा कमजोर है,
इसीलिए बक-बक कर रहा है।
जो कमजोर होता है
वह बकवास ही कर पाता है,
डर के मारे अनाप-शनाप भी
बोलने लगता है।
उसे पता है कि बड़ा भाई बहुत
सहनशील है धमकी ही देगा
और कुछ नहीं, करेगा इज्जत से भी डरता है।
इसीलिए; ज्यादा
बक-बक कर रहा है।
साथियों (दहशतगर्दों) को कुछ

बोल नहीं सकता क्योंकि उन्हीं
का नमक खा रहा है।
और इस्लाम में नमकहरामी
सबसे बड़ा कुफ्र होता है।

कैसे करे।
सारा जोर बड़े भाई
(हिन्दुस्तान) पर चलता है।
तुम बड़प्पन दिखाओ
जैसे आज तक नजरअंदाज किया है
करते जाओ।
अपने आप तो तरक्की पर तरक्की
कर रहे हो कभी उसके बारे में भी सोचा है,

बेचारा भीख मांग कर जिन्दा है,
तुम उसकी भीख भी बंद करवा दोगे।

कैसे बड़े हो तुम?
अपने दूसरे भाई (बांग्लादेश)
का भी ध्यान रखो वह
और भी छोटा है
उसके कुछ लोग यहाँ
आ गए तो क्या
वोट तो तुम्हें ही देते हैं
हाँ मझले(पाकिस्तान) की
तरह उसकी संगत भी
ग़लत जमातों से हो गई है

उसे भी समझा दो,
पकिस्तान का हाल दिखादो
डराना मत।
“ प्यार से ही समझाना”।
छोटा है समझ जाएगा
“वरना” ये पाकिस्तान से
ज्यादा खोटा हो जाएगा।
भाइयों के साथ-साथ
पड़ोसी
(नेपाल) का भी
विशेष ध्यान रखो
नया-नया मुल्ला (माओवादी) बना है
इसलिए जोर से चिल्ला रहा है।
पर बेचारा
गरीब है बच्चो (गोरखों की बहादुरी) की कमाई
पर पल रहा है।
तुम्हारे द्वारा पोषित
रहा है। उसे भी प्यार से ही समझाना।
पर ये समझ लेनाकी प्यार से
समझाने का मतलब
ये बिल्कुल न समझो की
अपना नुकसान होता रहे
छोटे हैं
पिटाई भी कर सकते हो

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